नई दिल्ली में कल नेशनल को-ऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) और उत्तराखंड ऑर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड (Uttarakhand Organic Commodity Board, UOCB) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया ।
इस अवसर पर केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर, उत्तराखंड सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी, एनडीडीबी एवं एनसीओएल के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने लक्ष्य रखा था कि इस देश की विशाल कृषियोग्य भूमि को जैविक खेती (Ograginc farming) के लिए तैयार करना है। उन्होंने कहा कि आज जैविक खेती का आंदोलन एक महत्वपूर्ण मुकाम पर पहुंच गया है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सामने किसानों की आय (farmers’ income) को दोगुना करने का लक्ष्य रखा और इसके दो महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक बिंदु जैविक खेती को बढ़ावा देना था। श्री शाह ने कहा कि आज पूरी दुनिया में ऑर्गेनिक उत्पादों (organic products) के प्रति जागरूकता आई है और इसका एक बहुत बड़ा वैश्विक बाज़ार (organic market) मौजूद है। इस बाज़ार का दोहन कर जब हम भारत के हिस्से को बढ़ाते हैं तो जैविक उत्पादों के मुनाफे वाले व्यापार में हमारे किसानों का हिस्सा और उसकी आय बढ़ती है।
शाह ने कहा कि जैविक खेती के साथ देश के नागरिकों का स्वास्थ्य भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि फर्टिलाइज़र (fertilizer) के रूप में हमारे शरीर में जाने वाला कैमिकल कई प्रकार के रोगों का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि इससे भूमि की गुणवत्ता भी कम हुई और कई राज्यों में भूमि सीमेंट जैसी सख्त होने लगी जिसके कारण बाढ़ का खतरा भी बढ़ा है। श्री शाह ने कहा कि इसके विपरीत अगर जैविक खेती की जाए तो इससे भूजलस्तर बढ़ता है, पानी बचता है, उत्पादन बढ़ता है और उपभोगकर्ता का स्वास्थ्य भी सुधरता है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इन सबके बावजूद ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा नहीं मिलता था। पहले किसान को अधिक मूल्य नहीं मिलता था क्योंकि इन उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने का कोई मैकेनिज़्म नहीं था। साथ ही, इन उत्पादों का उपयोग करने में लोग झिझकते थे। श्री शाह ने कहा कि इसके लिए मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL – National Cooperative Organics Ltd.) की स्थापना की। उन्होंने कहा कि अमूल (AMUL) और NCOL मिलकर देशभर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं का नेटवर्क स्थापित करेंगे जो ऑर्गेनिक भूमि और उत्पाद, दोनों का परीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा कि ये दोनों मान्यता प्राप्त संस्थाएं भारत और अमूल ब्रांड के साथ विश्वसनीय ऑर्गेनिक उत्पाद उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने का काम करेंगे।
श्री अमित शाह ने कहा कि NCOL के गठन के कुछ ही साल में हम ऑर्गेनिक उत्पादों से मिलने वाले मुनाफे का सारा पैसा उत्पादन करने वाले किसानों के बैंक खाते में जाना सुनिश्चित कर लेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ सहकारी संस्था में ही संभव हो सकता है। श्री शाह ने कहा कि 2-3 साल में भारत ब्रांड के उत्पाद शाकाहारी खाने के हर क्षेत्र में पहुंच जाएगा।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि गुणवत्ता और ऑर्गेनिक विशेषता की दृष्टि से भारत ब्रांड (Bharat Brand) के ऑर्गेनिक उत्पाद विश्वनीय हैं, अधिक मुनाफे का उद्देश्य न होने के कारण सस्ते हैं और इन उत्पादों पर अर्जित सारा मुनाफा देश के किसानों की आय को बढ़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि इन तीनों उद्देश्यों को हम NCOL के माध्यम से पूरा करेंगे और जल्द ही भारत ब्रांड एक विश्वसनीय ब्रांड बनेगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने उत्तराखंड के किसानों से अपने खेतों को पूरी तरह से जैविक बनाने और अन्य साथी किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर पूरा उत्तराखंड जैविक हो जाएगा तो वहां फर्टिलाइजर खरीदने वाले लोग ही नहीं बचेंगे।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को विश्व के सबसे बड़े ऑर्गेनिक फूड का उत्पादन करने वाला देश बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मोदी सरकार ने किसानों के उत्पादों के निर्यात के लिए भी एक सहकारी संस्था बनाई है। श्री शाह ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किए जा रहे भारत ब्रांड को वैश्विक बाज़ार तक पहुंचाने का काम ये दूसरी सहकारी संस्था राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL – National Cooperative Export Ltd.) करेगी।