भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) ने IFFCO मुख्यालय में अपनी दूसरी वार्षिक आम बैठक (annual general body meeting, AGM) आयोजित की, जिसमें पांच वर्षों के भीतर ₹15,000 करोड़ का कारोबार करने की महत्वाकांक्षी योजनाओं का अनावरण किया गया। सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में 2023 में स्थापित, इस समिति का लक्ष्य उच्च गुणवत्ता वाले बीजों और बढ़ी हुई पैदावार के माध्यम से किसानों की आय को बढ़ावा देना है।
बीज उत्पादन का विस्तार: 78 बीज उत्पादकों ने 1100 एकड़ में बीज बोए
सहकारी समिति को बीज उत्पादन और विपणन कार्यक्रमों को लागू करने के लिए राज्य सरकारों से स्वीकृति पत्र मिल चुकी हैं। समिति बीज उत्पादन करने के लिए राज्यों में कार्यरत सहकारी संस्थाओं और स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। इसके अतिरिक्त, वे बीज बिक्री के लिए निविदाओं में भाग लेने के लिए राज्य सरकारों से संपर्क कर रहे हैं।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) ने भारतीय बीज सहकारी समिति को दलहन और तिलहन फसलों के लिए बीज वितरण (seed distribution) के लिए एक नोडल संस्था (Nodal Agency) के रूप में नामित किया है।
BBSSL के अध्यक्ष एवं IFFCO के विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार ने घोषणा की कि वर्ष 2023-24 की रबी फसलों के बीज के उत्पादन के लिए 78 बीज उत्पादकों के प्रक्षेत्रों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में लगभग 1,100 एकड़ में आधारीय बीजों का उत्पादन कराया गया है। ये प्रयास गेहूं, चना, सरसों और मटर जैसी रबी फसलों पर केंद्रित हैं। अब इन बीजों का 2024-25 सीज़न के रबी फसलों लिए प्रमाणित बीजों के उत्पादन में प्रयोग किया जाएगा।
सदस्यता वृद्धि और जुड़ाव
सहकारी संस्था ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत में सदस्यता अभियान शुरू किया, जिसमें 11,759 आवेदकों को शेयर प्रमाणपत्र जारी किए जाने थे। जबकि 14 आवेदन वापस कर दिए गए। योगेंद्र कुमार ने सभी समितियों को अपनी पंजीकरण प्रक्रियाओं में तेज़ी लाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा की किसान ऐप के माध्यम से भी पंजीकरण कराया जा सकता है ।
BBSSL का उचित नियंत्रण और निर्देशन
समिति के उचित नियंत्रण और निर्देशन के लिए पाँच संस्थापक संस्थाओं- IFFCO, Karibkhco, NAFED, NCDC और NDB के प्रतिनिधियों के साथ एक अंतरिम बोर्ड का गठन किया गया था। जबकि वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जुलाई 2023 में एक नियमित बोर्ड का गठन किया गया था और इसके सदस्यों के चुनाव के बाद, योगेंद्र कुमार को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था।
सहकारी इकाइयों का एकीकरण
BBSSL ने PACS के रूप में जानी जाने वाली छोटी सहकारी इकाइयों को अपने राष्ट्रीय ढांचे में एकीकृत करने की योजना बनाई है। यह पहल PACS को न केवल उपभोक्ता के रूप में बल्कि प्रमाणित बीजों के उत्पादक के रूप में भी कार्य करने में सक्षम बनाएगी, जिससे प्रमाणित बीज विकास के लिए भूमि की गंभीर कमी दूर होगी।
प्रमाणित बीजों का कृषि उत्पादकता पर प्रभाव
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, देश में उपयोग किए जाने वाले सभी बीजों में से केवल 47% ही प्रमाणित हैं। यह देखा गया है कि प्रमाणित बीजों के उपयोग से उत्पादकता में 15-20% की वृद्धि हो सकती है। प्रमाणित बीजों के उपयोग में 1% की वृद्धि से भी 5 लाख टन अतिरिक्त अनाज प्राप्त हो सकता है।
सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से, बीबीएसएसएल केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समर्थित उन्नत और पारंपरिक दोनों प्रकार के बीजों के उत्पादन और वितरण को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। सहकारी संस्था का लक्ष्य रबी 2025-26 सीजन से प्रमाणित बीजों के साथ बीज की बिक्री शुरू करना है, जिसे विभिन्न राज्यों की संस्थाओं तथा सहकारी समितियों के साथ मिलकर किया जाएगा। इन व्यापक प्रयासों के माध्यम से, भारतीय बीज सहकारी समिति कृषि परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करने करने के लिए तैयार है।