राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीसीटी) ने सहकारी समितियों के कौशल को बढ़ाने और सशक्त बनाने का काम करते हुए, भांडागारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण Warehousing Development and Regulatory Authority (WDRA) द्वारा प्रायोजित 186 अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में 9047 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया ।
WDRA प्रशिक्षण कार्यक्रम द्वारा किसानों को गोदाम उपयोग और खाद्यान्न भंडारण पर जानकारी प्रदान किया जाता है।
पिछले चार वर्षों में, लगभग 31,550 किसानों ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लिया है। एनसीसीटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ये कार्यक्रम वैज्ञानिक भंडारण और भंडारण तकनीकों पर केंद्रित हैं।
एनसीसीटी का मुख्य उद्देश्य देश के सहकारिता क्षेत्र के लिए आवश्यकता-आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना तथा मानव संसाधन विकास (human resource development ) की सुविधा प्रदान करना है। यह सहकारी क्षेत्र के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान भी करता है।
WDRA पंजीकृत गोदामों पर सुरक्षा जमा शुल्क कम किया जाएगा
गौरतलब है की, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले महीने दिल्ली में वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के ‘ई-किसान उपज निधि (डिजिटल गेटवे)’ के लॉन्च कार्यक्रम में बोलते हुए घोषणा किये की किसानों विशेषकर छोटे किसानों को गोदामों का उपयोग करने और अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जल्द ही WDRA पंजीकृत गोदामों में सुरक्षा जमा शुल्क (security deposit charges) को जल्द ही कम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन गोदामों में अपनी उपज का भंडारण करने वाले किसानों को पहले 3 प्रतिशत के बजाय अब केवल 1 प्रतिशत सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र 2047 तक देश को ‘विकसित भारत’ (Viksit Bharat) बनाने की दिशा में अग्रणी स्तंभ होगा।
‘सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना’
एनसीसीटी के भंडारण से सम्बंधित प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत सरकार ‘सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना’ (World’s Largest Grain Storage Plan in Cooperative Sector) के तहत 700 लाख टन का विशाल भंडारण बुनियादी ढांचा बनाने की योजना बना रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना में अगले पांच वर्षों में 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। बड़े स्तर पर खाद्यान्न भंडारण सुविधाओं के निर्माण से पर्याप्त संख्या में गोदामों और गोदामों की कमी के कारण किसानों को होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। इसी साल फरवरी में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 राज्यों में 11 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) में ‘सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना’ की पायलट परियोजना शुरू की थी।
प्रधान मंत्री ने गोदामों और अन्य कृषि-बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए देश भर में अतिरिक्त 500 पैक्स की आधारशिला भी रखी थी। भारत में 700 करोड़ टन की विशाल भंडारण क्षमता के निर्माण से किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने और अपनी जरूरतों के अनुसार सही समय पर बेचने में मदद मिलेगी, साथ ही उन्हें बैंकों से ऋण लेने में भी मदद मिलेगी।
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