“आदि महोत्सव – राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव- का 18 फरवरी 2024 को समापन हो गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने किया था।
ट्राइफेड द्वारा आयोजित यह 9-दिवसीय उत्सव 10 फरवरी से 18 फरवरी तक मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में हुआ था , जिसमें जनजातीय उद्यमियों को सशक्त करने के लिए उनकी भावना का प्रदर्शन किया गया।
इसमें जनजातीय उद्यमिता, हस्तशिल्प, सांस्कृतिक, व्यंजन, और वाणिज्य की भावना का जश्न मनाया गया।
इस वर्ष के मुख्य विशेषताओं में शामिल है अनुसूचित जातियों के लिए एक वेंचर कैपिटल फंड (Venture Capital Fund) का शुभारंभ, जिसका उद्देश्य जनजातीय उद्यमियों के बीच स्टार्ट-अप (start up) संस्कृति और आर्थिक नवाचार को बढ़ावा देना है।
इसमें, एक बी2बी कार्यशाला भी आयोजित की गई जिसमें 13 फरवरी 2024 को प्रमुख उद्योग कंपनियों के प्रतिष्ठान्वित प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई, CII), एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम ASSOCHAM), इंडियन फेडरेशन ऑफ क्यूलिनरी एसोसिएशन (आईएफसीए) जैसी संगठनों के साथ 35 से अधिक आईटी सेक्टर के प्रतिनिधियों ने सहभागिता दिखाई। इस आयोजन ने विभिन्न क्षेत्रों में बाजार संबंध और साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य किया।
जनजातीय उद्यमशील उद्यमियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन करके थोक आपूर्ति, राज्य निगम के माध्यम से साझेदारी, स्वयं सहायता समूहों, व्यक्तिगत खरीदारों की दिशा में नए अवसर खोले हैं। इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए, उपयोगी साझेदारी के लिए मंत्रालय में एक विशेष विभाग खोल जा रहा है।
मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने इस मौके पर कहा कि आदि महोत्सव न केवल जनजातीय कारीगरों के असाधारण कौशल और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने का एक मंच है, बल्कि यह जनजातीय संस्कृति, जीवन शैली और शानदार परंपराओं को भी प्रदर्शित करने का प्रयास है। इस योजना से हमारे जनजातीय युवा नए उद्यमी और नए उत्पादक बनने का एक अवसर प्राप्त करेंगे, और यह योजना जनजातीय सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। इससे सशक्तिकरण और आर्थिक विकास का एक मंच मिलता है।
“जनजातीय मामले” के सचिव श्री विभू नायर ने कहा कि आदि महोत्सव 2024, भारत के जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उद्यमशीलता की भावना का उत्सव है।
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो के प्रेस रिलीज़ के अनुसार, ट्राइफेड और आईटीसी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जो हल्दी उगाने वाले क्षेत्रों के विपणन को बढ़ावा देता है जिसने अन्य कॉर्पोरेट निकायों के अनुसरण के लिए एक महान उदाहरण स्थापित किया है। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों के अनुभव को बढ़ाने के लिए एनएसटीएफडीसी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, कौशल विकास और उद्योग मंत्रालय, डाक विभाग और आईएफसीआई सहित विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों के साथ समन्वय भी देखा गया।
50,000 से अधिक लोगों ने इस आदि महोत्सव का दौरा किया, विशेष जनजातीय भोजन का आनंद लिया और आदिवासी लोगों की निरंतर समृद्धि और सांस्कृतिक संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए जैविक उत्पादों, शहद, वस्त्र, हस्तशिल्प, पेंटिंग और कला कार्यों की खरीदारी की।
इस कार्यक्रम ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी ONDC) नेटवर्क के माध्यम से नकद बिक्री और बिक्री में 1.80 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की, जिसमें 170 जनजातीय कारीगर पहली बार डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े। इस आयोजन में प्रतिभागियों को व्यवसाय विस्तार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platform) के उपयोग का भी प्रशिक्षण दिया गया।
इसके अतिरिक्त, नेटवर्किंग प्रतिभागियों के माध्यम से पंजीकृत 90 विक्रेता, मेटा (Meta) प्रतिनिधियों के साथ व्यापार विस्तार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने पर मार्गदर्शन प्रदान हुए। डिजाइन विभाग, आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) ने जनजातीय कारीगरों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया ताकि उन्हें महानगरीय ग्राहक आधार की जरूरतों के लिए प्रासंगिक उत्पादों को डिजाइन करने में मदद मिल सके।