बिहार के कृषि मंत्री ने हाल ही में विधानसभा में कहा कि प्राथमिक कृषि साख समिति (PACS) को एक बहुउद्देशीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा जहां जेनेरिक दवाएं, उर्वरक, कीटनाशक, कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन, एटीएम और पेट्रोल आउटलेट की सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सहकारिता और अन्य विभागों की बजटीय मांगों पर बहस का जवाब देते हुए, मंत्री ने कहा कि पैक्स में किसानों के लिए जेनेरिक दवाएं, उर्वरक, कीटनाशक, कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन, एटीएम, पेट्रोल आउटलेट और ऐसी अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ।
उन्होंने कहा कि पैक्स की गतिविधियों को सरल बनाने तथा इसे और अधिक पारदर्शी बनाने के साथ-साथ इन्हें बहुउद्देशीय केंद्र के रूप में विकसित करने के साथ-साथ किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी आसानी से देने के लिए सभी पैक्सों को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है।
केंद्र सरकार की पहल
राष्ट्रीय स्तर पर भी, लगभग ढाई साल पहले अपने गठन के बाद से ही सहकारिता मंत्रालय ने PACS को मजबूत करने के लिए कई पहल की हैं, जिससे देश के करोड़ों किसानों को लाभ मिलने की संभावना है।
केंद्र सरकार देश में पहली बार PACS के कम्प्यूटरीकरण पर काम कर रही है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य PACS की गतिविधियों में पारदर्शिता और इनके वित्तीय अनुशासन में सुधार लाना है।
सहकारिता मंत्रालय द्वारा सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किए गए मॉडल बायलॉज़, PACS को डेयरी, मत्स्य पालन, गोदाम, कस्टम हायरिंग केंद्र, उचित मूल्य की दुकानों, एलपीजी/डीजल/पेट्रोल डिस्ट्रीब्यूटरशिप, आदि सहित 25 से अधिक आर्थिक गतिविधियों को शुरू करके अपने व्यवसाय में विविधता लाने में सक्षम बनाएंगे।
PACS को बहुद्देशीय बनाकर केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बीज, जैविक खेती के विपणन और किसानों की उपज के निर्यात के लिए बहुराज्यीय सहकारी समितियों का गठन किया गया है।
PACS देश में सहकारिता की रीढ़ हैं और इनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में CSC सेवाओं की डिलिवरी से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा, संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से, पीएसीएस को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में कार्य करने, एफपीओ बनाने, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन करने, खुदरा पेट्रोल/डीजल पंप आउटलेट खोलने, जन औषधि केंद्र खोलने, उर्वरक वितरण केंद्रों के रूप में काम करने आदि के लिए भी सक्षम बनाया गया है।
PACS देश के सहकारिता आंदोलन की मूल इकाई हैं, इसीलिए मोदी सरकार इनकी व्यवहार्यता में सुधार के निर्तर प्रयास कर रही है।